बुधवार, 15 जुलाई 2009

पवन

अविरल कृपा पियूष प्रभु का पुण्य मंगल स्रोत हो
अनुराग श्रधा त्याग से आपका जीवन ओत प्रोत हो
उर्वर धरा उन्मेष में अमरत्व का संदेश दे
निस्सीम अम्बर हो मुदित विस्तार का परिवेश दे
बहता पवन संजीवनी सौरव जनित अनुदान दे
सत्कर्म सकुसल आपको नित्य नव सम्मान दे
जीवन यस्शवी हो सुखद आपकी प्रभा आलोक से
कुंठित न हो आप कभी संताप से या शोक से
शरद: सतं जीवेम की प्रेरक रिचा आदर्श हो
तं से सदा ज्योतिर्गमय के में उत्कर्ष हो

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