अविरल कृपा पियूष प्रभु का पुण्य मंगल स्रोत हो
अनुराग श्रधा त्याग से आपका जीवन ओत प्रोत हो
उर्वर धरा उन्मेष में अमरत्व का संदेश दे
निस्सीम अम्बर हो मुदित विस्तार का परिवेश दे
बहता पवन संजीवनी सौरव जनित अनुदान दे
सत्कर्म सकुसल आपको नित्य नव सम्मान दे
जीवन यस्शवी हो सुखद आपकी प्रभा आलोक से
कुंठित न हो आप कभी संताप से या शोक से
शरद: सतं जीवेम की प्रेरक रिचा आदर्श हो
तं से सदा ज्योतिर्गमय के में उत्कर्ष हो
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same to all of u.narayan narayan
जवाब देंहटाएंअनुपम श्रद्धा
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